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‘मेरी पॉलिसी मेरे हाथ’ अभियान जारी, किसानों को होगा फायदा

‘मेरी पॉलिसी मेरे हाथ’ अभियान जारी, किसानों को होगा फायदा

किसानों के हित में सरकारें एक से एक योजनाएं ला रही है. इसी की तर्ज में छत्तीसगढ़ के जशपुरनगर में एक खास अभियान की शुरुआत की गयी है. इस अभियान का नाम मेरी पॉलिसी मेरे हाथ है. बता दें आजादी के अमृत महोत्सव भारत 75 के तहत मेरी पॉलिसी मेरे हाथ नाम का अभियान शुरू हो चुका है. यह अभियान प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के अंतर्गत खरीफ मौसम साल 2022 की तरह ही 15 फरवरी से इस अभियान को शुरू किया गया है. वहीं कृषि विभाग के अनुसार ‘मेरी पॉलिसी मेरे हाथ’ के अंतर्गत रबी सीजन 2022 से 2023 में ग्राम पंचायत स्तर पर जान प्रतिनिधियों की मौजूदगी में किसानों को क्रियान्वयक बीमा कंपनी इस फसल बीमा पॉलिसी को बांटेगी. ये भी देखें: PMFBY: प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में किसान संग बीमा कंपनियों का हुआ कितना भला?

योजना से जुड़ने की अपील

इसके लिए कृषि विभाग द्वारा विरिष्ठ कृषि विकास अधिकारी और समिति प्रबंधक आदिम जाति सेवा समितियों को निर्देशित किया गया है. साथ ही इस कार्य्रकम को सफल बनाने के लिए मौसम रबी 2022 से 2023 में जिन किसानों को बिमा हुआ है, उन्हें बीमा पत्रक बांटने के लिए योयोजना से जुड़े सभी स्टेकहोल्डर्स क्रियान्वयक बीमा कंपनी से समन्वय करना होगा, इसके अलावा मेरी पॉलिसी मेरे हाथ अभियान को ग्राम पंचायत स्तर से सफल संचालन और प्रक्रिया के हिसाब से उचित कार्यवाही के निर्देश भी दिए गये हैं.
महाराष्ट्र सरकार की इस योजना से किसानों को 1 रुपये ब्याज पर मिलेगा फसल बीमा

महाराष्ट्र सरकार की इस योजना से किसानों को 1 रुपये ब्याज पर मिलेगा फसल बीमा

जलवायु बदलाव के दुष्परिणामों की वजह से फसल को बेहद हानि का सामना करना पड़ रहा था। परंतु, फिलहाल नव वर्ष के बजट से इस चिंता का भी समाधान कर दूर कर दिया गया है। महाराष्ट्र सरकार द्वारा 1 रुपये ब्याज पर फसल बीमा देने की घोषणा की गई है। आज पूरा विश्व जलवायु परिवर्तन के दुष्परिणाम झेल रहा है। इसका सर्वाधिक दुष्प्रभाव खेती किसानी पर देखने को मिल रहा है। आकस्मिक बारिश, ओले, बाढ़, सूखा जैसी प्राकृतिक आपदाओं के चलते फसलें क्षतिग्रस्त होती जा रही हैं। जो कि ऐसी स्थिति है जब स्वयं किसान भी आर्थिक समस्याओं में फंस जाते हैं। देश में भी जलवायु परिवर्तन के दुष्प्रभाव साफ तौर पर देखने को मिल रहे हैं। बीते वर्ष विभिन्न राज्यों में मौस्मिक मार से काफी फसल हानि देखी गई है। महाराष्ट्र में भी कुछ इसी तरह की परिस्थितियां देखने को मिलीं हैं। किसानों को बड़ी हानि से बचाने हेतु महाराष्ट्र सरकार द्वारा आर्थिक मदद देने की घोषणा की गई थी। परंतु, हाल ही में इस परेशानी का स्थायी समाधान निकालते हुए प्रदेश सरकार द्वारा 1 रुपये में फसल बीमा करवाने का ऐलान किया है।

मात्र 1 रुपये ब्याज पर मिल पाएगा फसल का बीमा

देश में प्राकृतिक आपदाओं की वजह से हुई फसल बर्बादी की भरपाई करने हेतु
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना जारी की जा रही है। इस योजना के अंतर्गत किसान स्वयं की फसल के संरक्षण हेतु एक निश्चित बीमा प्रीमियम प्रदान करता है। बदले में हानि होने की स्थिति में बीमा कंपनियों के साथ-साथ केंद्र एवं राज्य सरकारें किसानों की आंशिक भरपाई करती हैं। परंतु, फिलहाल महाराष्ट्र सरकार द्वारा राज्य स्तर पर 1 रुपये के ब्याज पर बीमा योजना का ऐलान कर दिया है। इसका सर्वाधिक लाभ उन किसानों को प्राप्त होगा, जो छोटी भूमि पर कृषि करते हैं अथवा बड़ा बीमा प्रीमियम भरने में असमर्थ होते हैं।

राज्य सरकार के द्वारा फसल हानि की भरपाई की जाएगी

प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के अंतर्गत रबी फसलों हेतु 1.5 फीसद, खरीफ फसलों हेतु 2 फीसद एवं बागवानी फसलों का बीमा करवाने हेतु 5 फीसद बीमा प्रीमियम जमा करना होता है। परंतु, महाराष्ट्र सरकार द्वारा फिलहाल यह चिंता भी समाप्त कर दी गई है। यह भी पढ़ें: PMFBY: प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में किसान संग बीमा कंपनियों का हुआ कितना भला? प्रदेश के उप-मुख्यमंत्री एवं वित्त मंत्री देवेंद्र फडणवीस का कहना है, कि पूर्व में फसल बीमा योजना का लाभ लेने वाले किसान भाइयों से बीमा की धनराशि का 2 फीसद ब्याज लिया जाता था। फिलहाल, सरकार 1 रुपये में फसल बीमा मुहैय्या करवाने की तैयारी में जुट रही है। इस योजना के अंतर्गत सरकारी खजाने से 3312 करोड़ रुपये का खर्चा किया जाएगा।

महाराष्ट्र राज्य में भी प्राकृतिक कृषि के क्षेत्रफल में होगी वृद्धि

कृषि क्षेत्र में रसायनों के बढ़ते उपयोग से ना केवल मृदा की उपजाऊ क्षमता कमजोर होती जा रही है। साथ ही, रसायन से उत्पादित कृषि उत्पादों से स्वास्थ्य पर दुष्प्रभाव पड़ रहा है। इसी वजह से फिलहाल अधिकांश राज्य सरकारें प्राकृतिक खेती का मॉडल अपना रही हैं। नव वर्ष के बजट में महाराष्ट्र सरकार द्वारा भी आगामी 3 वर्ष में 25 लाख हेक्टेयर क्षेत्रफल प्राकृतिक खेती के अंतर्गत लाने का निर्णय किया है। इसी योजना के अंतर्गत प्रदेश में 1000 बायो-इनपुट संसाधन केंद्र की स्थापना का भी लक्ष्य निर्धारित किया गया है।
बदलते मौसम में फसलें तबाह होने पर यहां संपर्क करें किसान

बदलते मौसम में फसलें तबाह होने पर यहां संपर्क करें किसान

कृषि कार्यों में हमेशा मौसम की अनिश्चितताएं हावी रहती हैं। कभी बेमौसम बरसात और ओलावृष्टि से फसलें तबाह हो जाती है तो कभी तेज गर्मी के कारण फसलें बुरी तरह से प्रभावित होती हैं। फसलों के तबाह होने पर किसानों के ऊपर आर्थिक बोझ बढ़ जाता है जिससे किसान टेंशन में आ आ जाते हैं। इस साल भी खेती किसानी में मौसम की अनिश्चितताएं हावी रही हैं जिसके कारण किसान भाई परेशान हैं। पहले फरवरी में तापमान बढ़ने के कारण गेहूं की फसल बुरी तरह से प्रभावित हुई थी। विशेषज्ञों द्वारा एक बार फिर से गेहूं के उत्पादन में कमी की आशंका जाहिर की जा रही थी। इसके बाद रही सही कसर बिना मौसम वाली बरसात और ओलावृष्टि ने पूरी कर दी है। कई राज्यों में बिना मौसम बरसात और ओलावृष्टि के कारण फसलों में जबरदस्त नुकसान हुआ है। जिसके कारण कई किसानों ने फसलों की कटाई को रोक दिया है साथ ही किसानो द्वारा खेतों में बिछ चुकी फसलों को सुखाने का प्रयत्न किया जा रहा है।

गेहूं की फसल को हुआ है भारी नुकसान

बदले हुए मौसम के कारण कई राज्यों में सरसों और चने के साथ गेहूं की फसलों को जबरदस्त नुकसान हुआ है। तेज हवा चलने के कारण गेहूं की फसलें झुक गई हैं यानि पूरी तरह से खेतों में बिछ गई हैं। कृषि विशेषज्ञों ने अब कुछ दिनों के लिए गेहूं की फसल को आराम देने की सलाह दी है।

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भारतीय मौसम विज्ञान विभाग ने कहा है कि आगामी  कुछ दिनों तक पंजाब, हरियाणा, चंडीगढ़, दिल्ली, राजस्थान और उत्तर प्रदेश के ज्यादातर इलाकों में तेज हवाएं, बारिश, बिजली और ओलावृष्टि का प्रकोप जारी रह सकता है। इसको देखते हुए इन राज्यों की गेहूं के फसलें बुरी तरह से प्रभावित हो सकती हैं। जिससे एक बार फिर से देश में गेहूं के उत्पादन में कमी आ सकती है। साथ ही देश में गेहूं का भंडारण प्रभावित होगा। इसके साथ ही बाजार में गेहूं की उपलब्धता कम होने के कारण गेहूं का निर्यात भी प्रभावित हो सकता है।

फसल को होने वाले नुकसान की यहां करें शिकायत

यदि किसानों की फसलें बारिश, तेज हवा, ओलावृष्टि, बिजली या अन्य प्राकृतिक आपदाओं से प्रभावित होती हैं तो फसल को होने वाले नुकसान की शिकायत किसान बीमा कंपनी को फोन करके दर्ज करवा सकते हैं। इसके साथ ही किसान अपने मोबाइल में बीमा कंपनी का एप डाउनलोड करके वहां पर फसल को हुए नुकसान की शिकायत दर्ज कर सकते हैं। इसके अलावा किसान भाई जिले के कृषि विभाग के कार्यालय में शिकायत दर्ज करवा सकते हैं या 14 दिन के भीतर बीमा कंपनी के दफ्तर में भी जाकर शिकायत दर्ज करवा सकते हैं। जिससे किसानों हो हुए नुकसान की राशि मिल जाएगी और किसान बड़े घाटे से बच जाएंगे।
बारिश से किसानों की बर्बाद हुई फसल का सरकार मुआवजा प्रदान करेगी

बारिश से किसानों की बर्बाद हुई फसल का सरकार मुआवजा प्रदान करेगी

भारत के किसी भी हिस्से में रहने वाले किसान इस योजना के लिए आवेदन  कर सकते हैं. इसके लिए आपको सबसे पहले प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना की आधिकारिक वेबसाइट www.pmfby.gov.in पर जाना होगा। मूसलाधार बारिश ने भारत के विभिन्न किसानों को क्षति पहुंचाई है। कुछ किसानों की तो फसलें खेतों में जलभराव होने की वजह से सड़ चुका है। हालांकि, अब किसानों को अधिक परेशान नहीं होना पड़ेगा। क्योंकि, केंद्र सरकार की इस योजना के अंतर्गत अब उनको उनकी बर्बाद हुई फसलों का मुआवजा प्राप्त हो जाएगा। आज हम आपको इस लेख में बताने वाले हैं, कि ये मुआवजा किस योजना के अंतर्गत मिलेगा और इसके लिए आप कैसे आवेदन कर सकते हैं।

किसानों को किस योजना के अंतर्गत मुआवजा मिलेगा

यदि बारिश की वजह से आपकी फसल चोपट हुई हो अथवा किसी भी प्राकृतिक आपदा के कारण आपकी फसल चौपट हुई है तो आपको इसका मुआवजा भी  मिलेगा। केंद्र सरकार की ओर से यह मुआवजा प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के अंतर्गत मिलेगा। दरअसल, आजकल भारत में किसानों की फसल बारिश के चलते बर्बाद हुई है। ऐसे में किसान भाइयों को आर्थिक नुकसान से बचाने के लिए पीएम फसल बीमा योजना के अंतर्गत केंद्र सरकार हर किसान को मुआवजा प्रदान कर रही है। ये भी पढ़े: प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना से किसानों को क्या है फायदा

किसान मुआवजे के लिए किस प्रकार आवेदन कर सकते हैं

आपकी जानकारी के लिए बतादें, कि केंद्र सरकार की इस योजना का फायदा लेने हेतु आपको 31 जुलाई से पहले फसल बीमा के लिए आवेदन करना पड़ेगा। सरकार का मानना है, कि 31 जुलाई तक किसानों को खरीफ की फसल के लिए आवेदन करना पड़ेगा। इसी स्थिति में उनको इस योजना का फायदा प्राप्त हो सकेगा। ऐसी स्थिति में यदि आप किसान हैं और खरीफ फसलों की खेती करते हैं, तो आपके लिए आवेदन की आखिरी तारीख 31 जुलाई है। 31 जुलाई से पहले आपको अपनी फसलों के लिए बीमा का आवेदन कर देना चाहिए।

किसान ऑनलाइन जरिए से कैसे आवेदन कर सकते हैं

भारत के किसी भी कोने में रहने वाले किसान इस योजना के लिए आवेदन कर सकते हैं। इसके लिए आपको सर्वप्रथम प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना की आधिकारिक वेबसाइट www.pmfby.gov.in पर जाना पड़ेगा। इस वेबसाइट पर आप जैसे ही जाएंगे आपको प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना का लिंक नजर आएगा। उस लिंक पर क्लिक कर के आप इसके लिए आवेदन कर सकते हैं। साथ ही, जिन किसानों ने किसान क्रेडिट कार्ड रखा है अथवा फिर सहकारी बैंको से कर्ज लिया हुआ है, उनका बीमा अपने आप ही ऑटोमैटिक ढ़ंग से हो जाएगा।
पीएम फसल बीमा योजना में आवेदन की अंतिम तारीख बढ़ कर 16 अगस्त हो गई है

पीएम फसल बीमा योजना में आवेदन की अंतिम तारीख बढ़ कर 16 अगस्त हो गई है

सरकार ने पीएम फसल बीमा के पंजीयन की आखिरी तारीख को बढ़ा दिया है। जहां 31 जुलाई ही रजिस्ट्रेशन की अंतिम तारीख थी। उसको अब बढ़ाकर 16 अगस्त कर दी गई है। केंद्र सरकार ने किसानों के फायदे के लिए प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना चलाई गई थी। भारत के किसानों की फसल बारिश, सूखा और अन्य प्राकृतिक आपदाओं की वजह से तबाह हो जाती थी। ऐसी स्थिति में किसानों को आर्थिक मदद के लिए भारत सरकार नें पीएम फसल बीमा योजना की शुरुआत की थी, जिससे इन विपदाओं से बचने के लिए किसान अपनी फसलों का बीमा करा सकें।

पीएम फसल बीमा योजना में आवेदन की अंतिम तारीख

केंद्र सरकार ने किसानो को काफी राहत प्रदान की है। इस दौरान फसल बीमा के रजिस्ट्रेशन की अंतिम तारीख को बढ़ा दिया गया है। इसके लिए रजिस्ट्रेशन की तारीख 31 जुलाई थी। परंतु, कृषि मंत्रालय ने इसको 16 अगस्त तक आगे बढ़ा दिया है। अब देश के किसान ऑनलाइन माध्यम से अथवा अपने नजदीकी कॉमन सर्विस सेंटर जाकर इसके लिए आवेदन कर सकते हैं।

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प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में आवेदन का तरीका

आप किसान भाई अपनी खरीफ की फसलों के लिए प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के पोर्टल ( www.pmfby.gov.in) पर जाकर अपनी फसल के बीमा के लिए रजिस्ट्रेशन करा सकते हैं। इस योजना के अंतर्गत किसान की फसलों के व्यक्तिगत नुकसान का लाभ मिलेगा, जो पहले सिर्फ सामूहिक स्तर पर ही मिलता था। इन सभी नुकसानों की भरपाई सरकार द्वारा निर्धारित बीमा कंपनियों द्वारा की जाती है।

फसल क्षति के 72 घंटे के अंदर सूचना देना अनिवार्य है

अगर आपकी फसल की बर्बादी प्राकृतिक आपदा की वजह से होती है। ऐसे में आप 72 घंटों के अंदर किसान क्रॉप इंश्योरेंस ऐप के जरिए इसकी जानकारी दे सकते हैं। इसके अलावा आप बीमा कंपनियों द्वारा प्रदान किए गए टोल फ्री नंबर पर भी कॉल कर अपनी शिकायत दर्ज करा सकते हैं।

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प्रीमियम की धनराशि कितनी है

सरकार ने विभिन्न प्रकार की फसलों के लिए इसकी प्रीमियम दर निर्धारित की है। अगर आप भी पीएम फसल बीमा योजना का लाभ उठाना चाहते हैं, तो इसके लिए एक निर्धारित प्रीमियम का भुगतान करना पड़ेगा। किसानों के आर्थिक हालातों को देखते हुए सरकार ने इस प्रीमियम का मुल्य बहुत कम रखा है। आपको अपनी खरीफ की फसल के लिए 1.5 प्रतिशत और बागवानी की फसल के लिए अधिकतम 5 प्रतिशत के प्रीमियम का भुगतान करना पड़ेगा।
किसानों के लिए फसल बीमा और उसके लाभ

किसानों के लिए फसल बीमा और उसके लाभ

Dr. Hari Shankar Gaur
डॉ हरि शंकर गौड़
प्रतिष्ठित प्रोफेसर, गलगोटोआस विश्वविद्यालय, ग्रेटर नोएडा
व कुलपति, सरदार वल्लभभाई पटेल कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, मेरठ

भारत गांवों की आर्थिक विकास का मूल आधार है और भारतीय कृषि उद्योग देश के अर्थव्यवस्था का महत्वपूर्ण हिस्सा है। लाखों परिवार भारतीय कृषि पर निर्भर हैं और इसका उत्तरदायित्व निभाते हैं। फसल बीमा की एक महत्वपूर्ण भूमिका है, जो किसानों को उनकी मेहनत का परिणाम सुनिश्चित करने में मदद करती है। हम फसल बीमा के महत्व और किसानों के लिए इसके लाभ पर चर्चा करेंगे।

फसल बीमा क्या है?

फसल बीमा एक प्रकार की बीमा है जो किसानों की फसलों को अनियामित मौसम परिस्थितियों से बचाने में मदद करती है। यह किसानों को उनकी लागतों को कम करने और उनकी आय को सुनिश्चित करने का मौका देती है।
फसल बीमा योजनाएं सरकार द्वारा चलाई जाती हैं, और वे किसानों को फसल के नुकसान के मामले में आर्थिक सहायता प्रदान करती हैं।

कृषि बीमा निगम

भारत में किसानों की सुरक्षा और उनकी खेती की रक्षा के लिए कृषि बीमा निगम (Crop Insurance Corporation) एक महत्वपूर्ण संगठन है। यह सरकार द्वारा स्थापित किया गया है और भारत के किसानों को विभिन्न प्रकार की प्राकृतिक आपदाओं और अनुपातित परिस्थितियों से बचाने का काम करता है। कृषि बीमा निगम का मुख्य उद्देश्य किसानों को उनकी खेती की लागत के हानियों से मुक्त करना है। यह सरकारी योजना के तहत किसानों को उनकी फसलों के लिए बीमा करवाने की सुविधा प्रदान करता है जिससे वे अपनी खेती को आत्मनिर्भरता से चला सकें। अधिक जानकारी के लिए देखें : www.aicofindia.com, https://policyholder.gov.in/crop-insurance, www.pmfby.gov.in and https://irdai.gov.in. भारत में फसल बीमा सहित बीमा क्षेत्र के विकास और विनियमन में भारतीय बीमा नियामक और विकास प्राधिकरण (IRDAI) की प्रमुख भूमिका है। कृषि बीमा निगम के अंतर्गत विभिन्न योजनाएँ होती हैं, जैसे कि प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (PMFBY), रष्ट्रीय कृषि बीमा योजना (NAIS), और मेट कृषि बीमा योजना (MNAIS) आदि। इन योजनाओं के तहत किसान अपनी फसलों को विभिन्न प्राकृतिक आपदाओं जैसे कि बाढ़, सूखा, बर्फबारी, और वर्षा, रोग, कीट आदि से बचाने के लिए बीमा करवा सकते हैं।

फसल बीमा के लाभ

निवेश सुरक्षा: फसल बीमा किसानों को उनके निवेश की सुरक्षा प्रदान करता है। जब किसान अपनी फसलों की बीमा करवाता है, तो वह अनियामित मौसम परिस्थितियों से होने वाले नुकसान के खिलाफ सुरक्षित होता है। इससे किसानों की आर्थिक स्थिति मजबूत होती है और उन्हें निवेश करने की आत्म-समर्थन मिलता है।

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किसानों की आय की सुरक्षा: फसल बीमा किसानों को उनकी मुख्य आय स्रोत की सुरक्षा प्रदान करता है। अगर किसान की फसल किसी प्रकार के नुकसान का शिकार होती है, तो फसल बीमा से उन्हें आर्थिक मदद मिलती है। इससे किसान अपने परिवार की आर्थिक सुरक्षा को सुनिश्चित कर सकता है। कृषि उत्पादन में वृद्धि: फसल बीमा के प्रावधान से किसान अधिक सुरक्षित महसूस करते हैं और उन्हें कृषि उत्पादन में वृद्धि करने का साहस मिलता है। जब किसान निश्चित है कि उनकी मेहनत फसल के नुकसान से नहीं जा रही है, तो वे अधिक उत्साहित रहते हैं और अधिक उत्पादन करने का प्रयास करते हैं। कृषि साहित्य की सुधार: फसल बीमा से किसानों की आर्थिक स्थिति सुधारती है और उन्हें अधिक शिक्षा और साहित्यिक विकास की दिशा में अधिक संरचित बनाता है। इसके परिणामस्वरूप, कृषि साहित्य का स्तर भी बढ़ता है और किसानों के पास अधिक ज्ञान होता है, जिससे उनका कृषि उत्पादन भी सुधरता है। सामाजिक सुरक्षा: फसल बीमा से किसान सामाजिक सुरक्षा का भी आभास करते हैं। अगर किसान की फसल में कोई नुकसान होता है, तो उसे अधिक सामाजिक परिस्थितियों का सामना करने की आवश्यकता नहीं होती है। वह अपने परिवार को समर्थन देने में सक्षम रहता है और समाज के अन्य सदस्यों की मदद कर सकता है।

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सुझाव और तकनीकी सहायता: फसल बीमा योजनाएं किसानों को नई तकनीकों और बेहतर प्रौद्योगिकियों के साथ खेती करने का मौका देती हैं। सरकार और बीमा कंपनियां अक्सर किसानों को बेहतर खेती के लिए सुझाव और तकनीकी सहायता प्रदान करती हैं, जिससे किसान अधिक उत्तेजना और जागरूक होते हैं। बचत और निवेश का मौका: फसल बीमा किसानों को अपनी बचत और निवेश की सुरक्षा प्रदान करती है। जब किसान फसलों की बीमा करवाता है, तो वह अपनी आर्थिक संरचना को मजबूत करने का मौका पाता है। इससे किसान अपनी आर्थिक स्थिति को सुधारने के लिए निवेश कर सकता है और अधिक बचत कर सकता है। बिना तनाव के खेती: फसल बीमा से किसान बिना तनाव के खेती कर सकता है। जब उनकी फसलों की सुरक्षा बीमा कवर में होती है, तो वे मौसम की परिस्थितियों से चिंता किए बिना खेती कर सकते हैं। इससे किसान का मानसिक दबाव कम होता है और वह अधिक सक्षमता से काम कर सकता है। सरकारी सहायता: फसल बीमा की योजनाओं में सरकार भी भाग लेती है और किसानों को आर्थिक सहायता प्रदान करती है। इससे किसानों को अधिक आर्थिक सहायता मिलती है और वे अपनी आर्थिक स्थिति को सुधार सकते हैं। सामाजिक अवसरों का विस्तार: फसल बीमा से किसानों के पास अधिक सामाजिक अवसर होते हैं। उन्हें अपने खेतों के साथ सामाजिक और आर्थिक रूप से अधिक स्थिति मिलती है, जिससे उनका सामाजिक प्रतिष्ठा भी बढ़ती है। संक्षेप में, फसल बीमा किसानों के लिए एक महत्वपूर्ण आर्थिक सुरक्षा का स्रोत है और इसके कई लाभ हैं। इसके माध्यम से, किसान अपनी फसलों की सुरक्षा बीमा कवर के तहत रख सकते हैं और अनियामित मौसम परिस्थितियों से अपने निवेश और आय की सुरक्षा प्रदान कर सकते हैं। फसल बीमा की योजनाएं सरकार और बीमा कंपनियों के साथ मिलकर किसानों को अधिक तकनीकी और आर्थिक सहायता प्रदान करती हैं, जिससे किसान अपनी खेती को सुधार सकते हैं और अधिक सामाजिक सुरक्षा का आभास करते हैं। इसके तरीके से, फसल बीमा किसानों के लिए एक महत्वपूर्ण आर्थिक सुरक्षा का स्रोत है और उन्हें आरामदायक और सुरक्षित खेती का मौका प्रदान करता है।
pmfby: पीएम फसल बीमा योजना को लेकर किसानों का क्या कहना है ?

pmfby: पीएम फसल बीमा योजना को लेकर किसानों का क्या कहना है ?

पीएम फसल बीमा योजना का फायदा प्राप्त करने के लिए कृषक भाई यहां दी गई प्रक्रिया को फॉलो कर सकते हैं। किसान भाइयों की सहायता के लिए सरकार की तरफ से विभिन्न योजनाएं संचालित की जाती हैं, जिसमें से एक बड़ी योजना पीएम फसल बीमा योजना है। इस योजना के जारी होने से फिलहाल किसान भाइयों को फसल हानि का भय नहीं है। साथ ही, मौसम की वजह से यदि किसानों की फसल को हानि पहुँचती है, तब भी उन्हें योजना का फायदा मिलेगा। इसी कड़ी केरल के किसान विजयावन का कहना है, कि उन्हें कभी फसलों के क्षतिग्रस्त होने का भय तो कभी मौसम की अनिश्चितता हम कृषकों को घेरे रहती थी। परंतु, जब से प्रधानमंत्री फसल बीमा का सहयोग मिला है, तब से हम किसान और अधिक लगन-आत्मविश्वास के साथ किसानी में जुट गए हैं। बतादें, कि हमारे क्षेत्र में बाढ़ सबसे बड़ी दिक्कत है। हम स्थानीय लोग जलवायु परिवर्तन के मुताबिक खेती कर रहे हैं। परंतु, साथ-साथ गंभीर बाढ़ एवं हवाएं आती हैं, जो हमारी फसलों को काफी प्रभावित करती हैं। साथ ही, फसलों में कीड़े लग जाना भी सामान्य सी बात है। फसल बीमा के लिए पीएम फसल बीमा योजना सबसे बेहतरीन विकल्प है। किसान विजयावन के पास वर्ष 2019 से यह बीमा है। प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना हमें संबल और शक्ति प्रदान कर रही है।

प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना क्या होती है

प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना केंद्र सरकार की तरफ से किसानों के लिए चलाई गई एक सरकारी बीमा योजना है। यह योजना किसानों को प्राकृतिक आपदाओं जैसे कि बाढ़, ओलावृष्टि, सूखों, कीटों और रोगों से होने वाली हानि से संरक्षण के लिए है। 

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योजना का लाभ उठाने के लिए आवश्यक दस्तावेज 

प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना का लाभ उठाने के लिए आपके पास आधार कार्ड, राशन कार्ड, जमीन का पट्टा, बैंक खाता पासबुक, फसल खराब होने का प्रमाण आदि जैसे प्रमाण पत्र या दस्तावेजों की अनिवार्यता होती है।  

पीएम फसल बीमा योजना के लिए कैसे आवेदन करें 

प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के लिए आवेदन करने के लिए सबसे पहले किसान भाई आधिकारिक वेबसाइट पर जाएं। इसके पश्चात वह होमपेज पर किसान कॉर्नर पर क्लिक करें। अब किसान अपना मोबाइल नंबर दर्ज कर लॉगिन करें। इसके बाद किसान समस्त आवश्यक डिटेल्स नाम, पता, आयु, राज्य इत्यादि दर्ज करें। बतादें, कि अंतिम में किसान भाई सबमिट बटन पर क्लिक करें।